Safar

अनजाने कीसी राह पर चले जा रहे
कुछ जाने-पहचाने चेहरे नज़र आते है।

रास्ता न भूल जाए इस बात का डर दिल में बसा है
अकेले ही चल रहे है -
मंजिल नज़र नही आती, पर कुछ ख्वाब है आंखों में बसे

कोई
साथी नही, कोई दोस्त नही, बस तन्हाई है।
सुनापुन दिल को खाए जा रहा है, कदम भी लड़खडा रहे है।
कोई दोस्त आते है सँभालने हमें, और फिर चले जाते है।

जींदगी में ऐसे ही आगे बढ़ना है - अकेले और तनहा,
लोग आते रहेंगे, कुछ लम्हे साथ रहकर चले जायेंगे।

रास्ता युही खुशी और ग़मों के साथ कट जाएगा,
मंजिल तो आख़िर मिलनी ही है - सफर को बस मौज के साथ जीए जाना है।

- 13 July 08

Comments

Popular Posts